Best Lyricist in India 2024: इंडियन सिनेमा के प्रसिद्द गीतकार

Best Lyricist in India 2024: किसी भी फिल्म में हीरो और विलेन की भूमिका जितनी महत्वपूर्ण होती है, उतना ही ज्यादा महत्व फिल्म में गाने भी होता है। जो न सिर्फ दर्शकों को बोर होने से बचाता है। बल्कि फिल्म को डूबने से भी बचा सकता है। कई ऐसी फिल्में है, जिनकी कहानी काफी कमजोर थी. मगर फिल्म के गाने ने दर्शकों का दिल जीत लिया। एक गीतकार फिल्म के पर्दे के पीछे रहकर अपनी कलाकारी को बुनता गढ़ता है।

फिल्म इंडस्ट्री के शुरुआती दौर में गीतकार को किसी भी प्रकार का क्रेडिट नहीं दिया जाता था। मगर जब से फिल्मों में गीतकार को क्रेडिट दिया जाने लगा है। इनकी प्रसिद्धि आसमान छूने लगी है। हम ऐसे ही कुछ गीतकारों  की जानकारी देंगे। जो फिल्मी दुनिया का एक मजबूत आधार है। उनके बगैर फिल्म इंडस्ट्री की कल्पना करना व्यर्थ होगा।

जावेद अख्तर

जावेद अख्तर ने अपनी कलम का जादू परी इंडियन सिनेमा में बिखेरा है। इनके पिता प्रसिद्ध कवि थे। जिनका नाम जान निसार अख्तर था। उनकी माता सखिया अख्तर भी उर्दू लेखिका और टीचर थी। जब जावेद अख्तर जब छोटे थे तब उनकी मां का इंतकाल हो गया था। और यह काफी अकेले पड़ गए। इसके बाद उनके पिता ने दूसरी शादी कर ली थी।

इन्होंने अपने करियर की शुरुआत सरहदी लुटेरा फिल्म से की थी। इन्हें हिंदी सिनेमा में सलीम-जावेद के नाम से भी जाना जाता है. इस जोड़ी ने हिंदी सिनेमा में एक से बढ़कर एक कई सुपरहिट फिल्मों की पटकथा लिखी है। सलीम उनके परम मित्र हैं. जिनके साथ इन्होंने लगभग 24 से ज्यादा फिल्म लिखी है। जिनमें से 20 ब्लॉकबस्टर हिट साबित हुई है।

इन्होंने अब तक लगभग 1200 से भी ज्यादा गाने लिखे हैं. जो दर्शकों का दिल छू जाते हैं. मानो सुनने वाले की रगों में किसी ने शक्कर घोल दी हो। लोग उनके गाने सुनकर मन मघन मुग्ध हो जाते है। इन्हें साल 1999 और 2007 में पद्मभूषण से नवाजा जा चुका है।

गीतफिल्मरिलीज़ डेट
मैं हूं गुमसुम, तू भी खामोश हैतलाश2012
म हो तो गाता है दिल, तुम नहीं तो गीत कहां..‘रॉक ऑन2008
मैं जहां रहूं, मैं कहीं भी हूं, तेरी याद साथ हैनमस्ते लंदन’2007
पंछी नदियां पवन के झोंके,रिफ्यूजी2000
हर पल यहां जी भर के जियो,कल हो ना हो2003

गुलज़ार साहब

गुलजार साहब फिल्मी दुनिया के प्रसिद्ध गीतकार और सायर है। इनके गाने फिल्मों में एक नई ऊर्जा भर देते हैं। जो दर्शकों के दिल और दिमाग़ पर वार करती है। इन्होंने परिचय, कोशिश, मेरे अपने, अंगूर, किताब, माचिस, मौसम, आंधी, इजाजत और खुशबू जैसी कई बेहतरीन फिल्मों में अपनी कला का प्रदर्शन किया है।

इनको 3 मई 2014 को भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च पुरस्कार और साल 2013 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा सर्वश्रेष्ठ गीतकार के रूप में इन्हें ऑस्कर और ग्रैमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।

इन्हें इनकी कला के लिए कई बड़े पुरस्कार मिल चुके हैं। जिनमें साल 2013 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार, 3 मई 2014 को भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च पुरस्कार, ग्रैमी और ऑस्कर पुरस्कार मुख्य रूप से शामिल है।

गीतफिल्मरिलीज़ साल
मैंने तेरे लिए ही सात रंग के सपने चुनेआनंद 1971
मुझे जान न कहो मेरी जानअनुभव 1971
बीड़ी जलाईलेओमकारा 2006
जय होस्लमडॉग मिलियनेयर2008
दिल तो बच्चा है जीइश्किया 2010

शीतला पांडे | समीर अंजान

ये हिंदी फिल्मों के प्रसिद्ध गीतकार है। जिन्होंने लगभग 650 फिल्मों में 4000 से भी ज्यादा गाने प्रस्तुत किए हैं। उनके ज्यादातर गाने हिट हुए हैं। जो आज भी लोगों की जुबान पर है। इन्होंने इंसाफ कौन करेगा, दो कैदी, महासंग्राम, रखवाला, जवाब हम देंगे, बाप नंबरी बेटा दस नंबरी जैसी फिल्मों में अपनी कला दिखाई है।

गीत फिल्म रिलीज़ साल 
जब से तेरे नैनासाँवरिया2008
आशिक बनाया आपनेआशिक बनाया आपने2006
तेरे नामतेरे नाम2004
कभी खुशी कभी ग़मकभी खुशी कभी ग़म2002
तुम दिल की धड़कन मेंधड़कन 2001
कुछ कुछ होता हैकुछ कुछ होता है1999

अन्य पॉपुलर गीतकार

भारत में एक से बढ़कर एक कला के महारथी मौजूद है। भारत के सबसे ज्यादा प्रसिद्ध गीतकारों की बात करें तो इसमें इरशाद कलीम, प्रसून जोशी, अमिताभ भट्टाचार्य और कौशल मुनीर जैसे और भी कई बड़े गीतकारों का नाम शामिल है। जिन्होंने इंडियन सिनेमा में अपने शब्दों की छाप छोड़ी है।

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